महायुति में सीटों के बंटवारे पर आम सहमति नहीं बन पाई, संजय निरुपम की उम्मीदवारी से पहले महाराष्ट्र में घमासान

नई दिल्ली
कांग्रेस के बागी नेता संजय निरुपम की लोकसभा चुनाव में संभावित उम्मीदवारी को लेकर महायुति के घटक दलों की बीच ठन गई है। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है मगर अभी महायुति में सीटों के बंटवारे पर आम सहमति नहीं बन पाई है। अभी तक शिवसेना और भाजपा ने मुंबई की छह में से तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया। इसी बीच ऐसी भी चर्चाएं तेज हैं कि संजय निरुपम शिवसेना में शामिल होंगे और उत्तर पश्चिम मुंबई सीट की दावेदारी करेंगे। मगर संजय निरुपम की संभावित उम्मीदवारी महायुति के अन्य घटक दल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के गले नहीं उतर रही है। बिना शर्त भाजपा को समर्थन देने वाली एमएनएस ने दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से संजय निरुपम के चुनाव लड़ने की चर्चा को लेकर सवाल उठाया है। महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एमएनएस के नेता मनीष धुरी ने साफ किया कि अगर शिंदे की शिवसेना उत्तर पश्चिम मुंबई से संजय निरुपम को उम्मीदवार बनाती है तो वह इसका विरोध करेंगे।

संजय निरुपम की संभावित उम्मीदवारी पर बवाल
बताते चलें कि संजय निरुपम और एमएनएस की बीच मतभेद की स्थिति नई नहीं है। बकौल मनीष धुरी, जब जब एमएनएस आक्रामक तरीके से मराठी का मुद्दा उठा रही थी, मराठी युवाओं की नौकरियों और रोजगार के लिए लड़ रही थी, तब तब संजय निरुपम ने विरोध किया। उन्होंने कहा, "जब भी हमने मराठी युवाओं के लिए आंदोलन किया, उन्होंने इसका विरोध किया।" धुरी ने निरुपम की आलोचना करते हुए उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति का कचरा बताया।

कैसे एमएनएस के रडार पर आए संजय निरुपम
संजय निरुपम 2009 में उत्तरी मुंबई से सांसद थे। इस दौरान एमएनएस ने मराठी का मुद्दा उठाया और कई आंदोलन किए उस समय मराठी-गैरमराठी विवाद खड़ा हो गया। इसमें संजय निरुपम भी कूद पड़े और उन्होंने एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे की जमकर आलोचना की। इसके बाद से ही निरुपम एमएनएस के रडार पर आ गए। इसलिए उनकी संभावित उम्मीदवारी का एमएनएस द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है।

 

Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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