नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया। ये बिल संसद की जेपीसी के पास भेजा गया है। जेपीसी के बाद बिल को राज्यसभा में भी पास करना होगा। राज्यसभा में ये बिल पास कराना भी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन अब बीजेपी गठबंधन यानी एनडीए के पास उच्च सदन में बहुमत मिल गया है। छह नामांकित सदस्यों के समर्थन के बाद राज्यसभा में एनडीए की ताकत बढ़ी है। जिससे पार्टी को वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे प्रमुख विधेयकों को पारित कराने में मदद मिल सकती है।
राज्यसभा में बीजेपी की राह हुई आसान
बता दें कि हाल में संपन्न राज्यसभा उपचुनाव के बाद संसद के ऊपरी सदन में सदस्यों की संख्या 234 हो गई है, जिसमें भाजपा के पास अपने 96 सदस्य हैं। वहीं एनडीए के सदस्यों की संख्या 113 है। आम तौर पर सरकार के पक्ष में वोट डालने वाले छह नामांकित सदस्यों के साथ एनडीए का संख्या बल बढ़कर 119 हो जाता है, जो बहुमत के मौजूदा आंकड़े 117 से दो अधिक है।
विपक्ष के पास कितने सदस्य
ऊपरी सदन में कांग्रेस के 27 सदस्य, जबकि उसके सहयोगी दलों के 58 सदस्य हैं, जिससे राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन के कुल सदस्यों की संख्या 85 है। राज्यसभा में सदस्यों की बड़ी संख्या वाली अन्य पार्टियों में वाईएसआर कांग्रेस के पास 9 और बीजेडी के पास 7 सदस्य हैं। AIADMK के पास चार सदस्य, तीन निर्दलीय और अन्य सांसद उन छोटे दलों के हैं, जो कांग्रेस या बीजेपी किसी के भी गठबंधन में शामिल नहीं हैं।
राज्यसभा में अभी भी 11 सीटें खाली
ऊपरी सदन में जम्मू-कश्मीर की चार सीट खाली हैं, क्योंकि केंद्र-शासित प्रदेश को अभी तक अपनी पहली विधानसभा नहीं मिली है। सदन में कुल 11 सीट खाली हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर की चार, आंध्र प्रदेश की चार, चार नामांकित सदस्य और ओडिशा की एक सीट शामिल है। वाईएसआर कांग्रेस के दो सदस्यों और बीजद के एक सदस्य ने हाल में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। बीजद सदस्य सुजीत कुमार इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गए, जिसके इस सीट पर उपचुनाव जीतने की संभावना है।
बीजेपी के साथ ये पार्टियां
वाईएसआर कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले दो सदस्यों-एम वेंकटरमण राव और बी मस्तान राव के आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ टीडीपी में शामिल होने की संभावना है, जो भाजपा की सहयोगी दल है। राज्यसभा में भाजपा के सहयोगियों में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (आरकेपी), जनता दल-सेक्यूलर (जेडीएस), रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले), शिवसेना, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), नेशनल पीपुल्स पार्टी, पीएमके, तमिल मनीला कांग्रेस और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) शामिल हैं।
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