प्रयागराज
अगले वर्ष प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी जाति समीकरण दुरुस्त करने में जुटी हुई है। चर्चा है कि प्रयागराज की सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। तीन दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बुलावे पर डॉ. रीता जोशी दिल्ली भी पहुंची। वहां कई कैबिनेट मंत्रियों के साथ उनकी मुलाकात हुई। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
अगले वर्ष ही यूपी में विधानसभा चुनाव होना है। भाजपा इस चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रही है। पिछड़े जाति के वोटरों को रिझाने के लिए पार्टी के पास डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के रूप में एक बड़ा चेहरा मौजूद है। लेकिन योगी सरकार पर ब्राह्मणों की उपेक्षा को लग रहे आरोप को देखते हुए पार्टी के अंदरखाने में यही चर्चा है कि प्रयागराज से डॉ. रीता जोशी को भाजपा अब बड़ी जिम्मेदारी देनी जा रही है। पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर आए जितिन प्रसाद और यूपी में पर्यटन मंत्री का पद छोड़कर सांसद बनीं डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ब्राह्मण वोटों के लिहाज से काफी अहम माने जा रहे हैं।
ब्राह्मणों को भाजपा अपना परंपरागत वोटर मानती है। इस वजह से वह इन दिनों इस बिरादरी को लुभाने में जुटी है। क्योंकि रीता जोशी सांसद हैं इसलिए मोदी सरकार उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर सकती है। रीता यूपी की एकमात्र ऐसी पहली महिला नेता हैं जो मेयर, विधायक होने के साथ योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री का पदभार संभाल चुकी हैं। वर्ष 2019 में ही वह प्रयागराज से सांसद बनीं। इसके अलावा उनका पॉलिटिकल ब्रैकग्राउंड भी काफी मजबूत है। उनके पिता स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा यूपी में तो भाई विजय बहुगुणा उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं।
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