लखनऊ
उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी सभी सियासी दलों पर भारी पड़े हैं। जिला पंचायत सदस्यों के 3050 पदों पर हुए चुनावों में 947 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। पूर्वांचल में तो निर्दलीयों ने भारी संख्या में जीत दर्ज की है। मध्य यूपी, पश्चिमी यूपी और अवध क्षेत्र में भी निर्दलीयों की अच्छी तादाद जीती है।
इनमें से कई ऐसे हैं, जो भाजपा के बागी के तौर पर लड़े थे। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को उम्मीद है कि ये उनके ही साथ जाएंगे। परिणामों पर नजर डालें तो साफ है कि पूर्वांचल में सबसे ज्यादा 338 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है। लखनऊ के आसपास के जिलों रायबरेली, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, अमेठी व बहराइच आदि में 211 से ज्यादा निर्दलीय जीते हैं। पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मेरठ और शामली आदि जिलों में 99 निर्दलीयों को जीत मिली। मध्य यूपी यानी कानपुर, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा आदि जिलों में 169 पद निर्दलीयों की झोली में गए।
आचार संहिता खत्म
पंचायत चुनाव घोषित होने के बाद 26 मार्च से राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से लागू की गई आदर्श चुनाव आचार संहिता खत्म कर दी गई है। आयोग ने बुधवार को विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी। उसने कहा कि चूंकि मतगणना समाप्त हो चुकी है और सभी परिणाम घोषित किये जा चुके हैं, इसलिए आदर्श चुनाव आचार सहिता खत्म की जाती हैं।
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