रायपुर
छत्तसीगढ़ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कोर्ट में दायर चार्जशीट में दावा किया कि महादेव सट्टा ऐप अब भी काम कर रहा है। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि महादेव बुक ऐप के मालिकों को पुलिस, प्रशासनिक अफसरों और कई प्रभावशाली राजनीतिक शख्सियतों का संरक्षण हासिल था। इनके प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए वे अवैध सट्टेबाजी से जुड़ी गतिविधियां करते रहे और कानूनी कार्रवाई से बचते रहे। 19 जुलाई को दायर चार्जशीट में EOW ने यह भी दावा किया कि 2020 में लॉकडाउन के समय से प्रमोटर्स ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से हर महीने करीब 450 करोड़ रुपए की कमाई की।
EOW ने 3 मार्च 2024 को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट, छत्तीसगढ़ गैंबलिंग (प्रोहिबिशन) ऐक्ट और पब्लिक गैंबलिंग ऐक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। EOW ने बिना किसी नेता का नाम लिए चार्जशीट में कहा, 'अवैध धन को जुटाने और बंटवारे का काम हवाला ऑपरेटर्स के जरिए किया जा रहा था और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी प्रोटक्शन मनी के बंटवारे में शामिल थे।'
चार्जशीट में कहा गया है कि प्रोटेक्शन मनी हवाला ऑपरेटर्स के जरिए पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को दिया जाता था। यह प्रभावशाली राजनीतिक शख्सियतों तक भी पहुंचता था। EOW ने कहा, 'कई पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली नेताओं ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और अवैध धन और संपत्ति हासिल की।'
EWO की तरफ से महादेव बुक ऐप के प्रमोटरों-रवि उप्पल, शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर और अनिल कुमार अग्रवाल के खिलाफ लाइव गेम के जरिए अवैध सट्टेबाजी का आरोप लगाया गया है। जांच एजेंसी का कहना है कि ऑफलाइन सट्टेबाजी के बजाय उन्होंने एक ऑनलाइन प्लैटफॉर्म बनाया था। वॉट्सऐप, फेसबुक, टेलीग्राम और अन्य वेबसाइट्स की मदद भी ली जा रही थी। जांच में पाया गया कि महादेव बुक असल में विभिन्न वेबसाइटों के साथ अवैध सट्टेबाजी की पेशकश करने वाला प्लैटफॉर्म है।
चार्जशीट में कहा गया है कि यह डिजिटल प्लैटफॉर्म लोगों को पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स, क्रिकेट, बैडमिंट, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों में सट्टेबाजी की सुविधा देता है। इसमें वर्चुअल क्रिकेट और चुनाव परिणाम पर भी सट्टेबाजी की सुविधा है। महादेव बुक के अलावा इसके प्रमोटर्स ने Reddy Anna और Fair Play जैसे ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लैटफॉर्म भी तैयार किए थे।' मौजूदा समय में महादेव बुक ऐप के 3500-4000 पैनल/ब्रान्च दुनियाभर में हैं।
Source : Agency