गोरखपुर
गोरखपुर में ब्रह्मपुर क्षेत्र के जिला पंचायत की वार्ड संख्या 60 एवं 61 के चुनाव परिणाम को लेकर हुए बवाल और आगजनी के बाद बैकफुट पर आए जिला प्रशासन ने चुनाव परिणाम की नए सिरे से जांच की तो परिणाम उलट गए। जांच में प्रथमदृष्टया ब्रह्मपुर आरओ की गलती सामने आई। कुल वोटों में फेरबदल कर हारे हुए प्रत्याशियों को विजयी घोषित किया गया। वार्ड नंबर 45 में भी खामी पकड़ में आने के बाद चुनाव परिणाम बदलना पड़ा। जिलाधिकारी के निर्देश पर आरओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को लिखने के निर्देश दिए गए हैं।
ब्रह्मपुर क्षेत्र के वार्ड नंबर 60 एवं 61 में परिणाम घोषित होने के बाद हुई हिंसा ने जिला प्रशासन को परिणाम पर पुर्नविचार के लिए मजबूर किया। जिलाधिकारी के विजयेंद्र पाण्डियन, सीडीओ इंद्रजीत सिंह एवं एडीएम एफआर राजेश सिंह ने स्वयं जांच शुरू की। मैनुअली प्रत्येक बूथ के मतपत्रों का मिलान कराया गया। इसमें पता चला कि वार्ड संख्या 60 से हारे हुए प्रत्याशी सपा समर्थित गोपाल यादव को जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया, जबकि बूथवार मतों में यहां बसपा समर्थित रवि प्रताप निषाद आगे थे। कुल मतों के जोड़ में गड़बड़ी कर गोपाल को आगे दिखाया गया।
इसी तरह वार्ड संख्या 61 में बसपा समर्थित कोदई साहनी जीत रहे थे। यहां भी कुल मतों में जान बूझकर गड़बड़ी कर निर्दल प्रत्याशी रमेश को विजयी घोषित कर प्रमाण पत्र दे दिया गया। ये गड़बड़ियां मिलने पर वार्ड संख्या 45 बड़हलगंज प्रथम की जांच की गई तो पता चला कि स्थानीय आरओ ने सही रिपोर्ट भेजी थी लेकिन जिला मुख्यालय पर लिपिकीय त्रुटि से बसपा समर्थित रामअचल को विजेता घोषित कर दिया गया। यहां से निर्दल देवशरण जीत रहे थे। वार्ड नंबर 21 व 32 को लेकर भी शिकायतें थीं लेकिन जांच में दोनों के परिणाम सही पाए गए। डीएम ने ब्रह्मपुर के आरओ सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विरेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर के साथ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को लिखने के निर्देश दिए हैं।
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