लखनऊ
ब्लैक फंगस का कहर बढ़ता जा रहा है। लखनऊ के अस्पतालों में 31 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती किए गए। वहीं इलाज के दौरान दो मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। लगातार मरीज व मौत से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। अफसर ब्लैक फंगस के मरीजों की दिक्कतों से निपट पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। तीमारदारों को दवा तक नहीं मिल पा रही है। अब तक 181 लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किए जा चुके हैं। इनमें 15 मरीज इलाज के दौरान दम तोड़ चुके हैं।
सबसे ज्यादा केजीएमयू में 23 मरीज भर्ती किए गए हैं। इनमें दो मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक 55 वर्षीय पुरुष व 35 वर्षीय युवक की ब्लैक फंगस से मौत हुई है। युवक आजमगढ़ का निवासी था। ब्लैक फंगस से राजधानी के अस्पताल में सबसे कम उम्र के मरीज की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि कुल 12 मरीजों की सर्जरी केजीएमयू में की गई है। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अकेले केजीएमयू में 124 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। लोहिया संस्थान में पिछले 24 घंटे के दौरान छह मरीज भर्ती किए गए हैं। अब तक संस्थान में 17 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। पीजीआई में 24 घंटे के दौरान दो मरीज भर्ती किए गए हैं। यहां अब तक 18 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं।
दवा न मिलने से प्रावइेट अस्पताल ब्लैक फंगस मरीज की भर्ती करने में आनाकानी कर रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि दूसरे जिलों से बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के मरीज आ रहे हैं। ऐसे में लखनऊ में मरीजों को दवा नहीं मिल रही है। तीमारदार मरीजों को लेकर भटक रहे हैं। अस्पताल में सिर्फ भर्ती से काम नहीं हो सकता है। दवाएं जरूरी हैं। बिना दवा न तो इलाज होगा और न ही ऑपरेशन। ऐसे में मरीजों को बड़े सरकारी अस्पातालों में मरीजों को भर्ती करने की सलाह दी जा रही है। ताकि मरीजों को समुचित इलाज तो मिल सके।
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