9000 कोरोना संक्रमितों ने पोर्टल पर दर्ज कराया गलत पता 

लखनऊ 
भले ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ी हो, लेकिन लोहिया, केजीएमयू और पीजीआई कर्मचारियों की लापरवाही से वायरस फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। कोरोना के शक में इन तीनों संस्थानों में भेजे गए नमूनों की जानकारी पोर्टल में गलत दर्ज की गई। पोर्टल में संक्रमितों का पता गलत दर्ज किया गया है। कर्मचारी की लापरवाही से संक्रमित को खोजने में स्वास्थ्य विभाग की टीमों को पसीना आ रहा है। समय पर संक्रमितों को दवा तक नहीं मिल पा रही है। रिपोर्ट न मिलने से मरीज सामान्य लोगों की तरह घूमकर संक्रमण बांट सकते हैं। यह खुलासा हुआ है कि लखनऊ की जिला प्रभारी रोशन जैकब की शिकायत पर। शिकायत के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक सौरभ बाबू ने तीनों संस्थानों को पत्र लिखकर चेतावनी दी साथ ही शिकायत दुरुस्त करने को कहा है कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सबसे अहम हथियार है कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग है। इसके आधार पर संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जांच की जाती है। एक से 20 मई के बीच 20 दिन में लखनऊ में कोविड पोर्टल पर आरटी-पीसीआर जांच कराने वाले 8876 संक्रमितों का गलत या अधूरा पता दर्ज किया गया है।
 
प्रशासन की सख्ती के बाद प्राइवेट पैथोलॉजी ने तो मरीजों का ब्योरा ठीक दर्ज करना शुरू कर दिया। पर, केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया पुराने ढर्रे पर ही काम कर रहे हैं। इससे संक्रमित की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग नहीं हो पा रही है। तीनों संस्थाओं ने सिर्फ गलत ब्योरा ही दर्ज नहीं किया जा रहा है बल्कि एक व्यक्ति की दूसरी या तीसरी जांच कराने पर हर बार नई आईडी तैयार की जा रही है। इससे संक्रमितों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके आधार पर जब मरीज को घर पर दवा देने पहुंच रही हैं तो पता चल रहा कि उन्हें इसकी जरूरत ही नहीं है।

Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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