बहनों की राखी मुफ्त में भाईयों तक पहुंचाने का उठाया बीड़ा

दो युवा ट्रेवल संचालकों की पहल की हो रही तारिफ

मुलताई

परदेस में भाईयों को राखी भेजना आज के दौर में सस्ता काम नही है इसके लिए बहनों को कोरियर सर्विस का भारी भुगतान वहन करना पड़ता है जब कहीं जाकर राखी गारंटी से भाईयों तक पहुंचती है। यदि कोई सस्ते साधन से राखी भेजी जाती है तो राखी पहुंचने की कोई गारंटी नही होती जिससे कई बार निर्धन बहनों का प्यार भाईयों तक नही पहुंच पाता और भाईयों की कलाई राखी के दिन सूनी रह जाती है। बहनों की इसी समस्या को समझते हुए नगर के दो युवा ट्रेवल संचालकों ने बहनों की राखी ट्रेवल्स के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई है वह भी नि:शुल्क। युवकों की इस पहल की नगर में भूरी-भूरी प्रशंसा हो रही है। अभी तक युवकों द्वारा लगभग दो सौ से अधिक राखी गंतव्य तक नि:शुल्क पहुंचाई जा चुकी है। नगर के महावीर ट्रेवल्स संचालक निखिल जैन तथा ओम साईं ट्रेवल्स के रॉबिन परिहार ने अभी तक नगर की बहनों की राखियॉ इंदौर,इटारसी, होशंगागाबाद,कन्नोज,चाप$डा,खातेगांव, हरदा, भोपाल, सारणी, जबलपुर, इमलीखेडा, सांवरी, लखनादौन, बरगी,डोमा, बालाघाट, सिवनी, नागपुर, अमरावती, बोरदही सहित अन्य स्थानों पर मुफ्त में राखी भिजवाने की व्यवस्था की जा चुकी है तथा अभी राखी तक लगातार यह सिलसिला चालू रहेगा। इस संबन्ध में निखिल जैन तथा रॉबिन परिहार ने बताया कि मुलताई से राखी का पैकेट मिलते ही संबंधित बहना अपने भाई को गा$डी के चालक का मोबाइल नंगर देती है और उसे बता देती है कि गा$डी संबंधित बस स्टंैड पर कितने बजे पहुंचेगी, गा$डी के पहुंचते ही भाई या परिजन आकर अपना पैकेट ले लेते है। परिजनों के नहीं आने पर ड्रायवर द्वारा संबंधित बस स्टैंड पर एक निश्चित स्थान पर ट्रवेल्स एजेंसी के अधिकृत कर्मचारी के पास लिफाफा जमा कर देता है और फोन पर इसकी सूचना भी पार्सल प्राप्त करने वाले व्यक्ति को दे देता है। जिससे एकदम सही व्यक्ति तक राखी पहुंच जाती है। राखी सही समय पर मिले तो उसका उत्साह भी दोगुना हो जाता है। बस द्वारा फ्री में राखी पहुंचने का एक फायदा यह भी है कि राखी उसी दिन भाई तक पहुंच जाती है। मुलताई से सुबह के समय इंदौर, भोपाल, नागपुर एवं जबलपुर के लिए अलग-अलग बसे निकली है। लिफाफे मिलते ही कंडेक्टर एवं ड्रायवर के हैंड-ओव्हर कर दिए जाते है। शाम तक सभी स्थानों पर बस पहुंच जाती है और बस के साथ राखी का लिफाफा भी निर्धारित जगह पर पहुंच जाता है। युवकों ने बताया कि राखी सहीं समय पर सहीं हाथों तक पहुंचने पर उन्हे बहनों एवं भाईयों दोनों की ओर से धन्यवाद मिलता है जिससे उनका उत्साह और दोगुना हो जाता है। युवकों के अनुसार इस वर्ष प्रारंभ की गई यह सेवा अनवरत चलती रहेगी।

 

Source : Akshay soni/Rakesh Agrawal

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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