शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने अपनी सेक्स लाइफ में कभी भी फेक ऑर्गैज्म यानी झूठे और दिखावे वाला ऑर्गैज्म न किया हो। टेंपल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ साइकॉलजी की ओर से करवाए गए एक रिसर्च की मानें तो करीब 64 प्रतिशत लोग अपनी लाइफ में कभी न कभी फेक ऑर्गैज्म जरूर करते हैं। वैसे तो इस मामले में ज्यादातर महिलाएं ही होती हैं लेकिन कई बार पुरुष भी ऐसा करते हैं। तो आखिर इसकी वजह क्या है? क्यों लोग ऑर्गैज्म फील न होने पर भी झूठ बोलते हैं कि उन्हें ऑर्गैज्म हुआ, यहां हम आपको बता रहे हैं इसकी वजहें।

आप अपने पार्टनर से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं और उसे सेक्शुअल ऐक्ट के दौरान बुरा फील नहीं करवाना चाहती। ऐसे में कई बार ऑर्गैज्म फील न होने पर भी महिलाएं फेक ऑर्गैज्म होने का नाटक करती हैं ताकि उनके पार्टनर को क्लाइमैक्स तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो और ऐक्ट हैपी नोट पर खत्म हो जाए।
कई बार ऐसा होता है कि पार्टनर द्वारा स्टिम्यूलेशन देने के बाद भी आपको ऑर्गैज्म फील नहीं होता तो आप क्या करेंगी? फेक ऑर्गैज्म करने से, तेज आवाज निकालने और बॉडी में ज्यादा एक्साइटमेंट दिखाने पर इस बात की संभावना अधिक हो जाती है कि आप रीयल ऑर्गैज्म के बेहद करीब पहुंच जाएं और शायद उसे हासिल भी कर लें। कई बार फेक ऑर्गैज्म के दौरान निकाली गई आहें भरने की आवाज उत्तेजना दोनों पार्टनर की उत्तेजना बढ़ाने में मदद करती है।
अगर आपको सेक्स सेशन के दौरान किसी तरह का ऐक्शन फील नहीं हो रहा, अगर पूरा ऐक्ट आपके लिए डल और बोरिंग बना हुआ है और आप पार्टनर से सीधे तौर पर ये बात कह नहीं सकते तो आप क्या करेंगे? आप फेक ऑर्गैज्म करेंगे ताकि इस तरह का ऐक्ट जल्द से जल्द खत्म हो जाए। दरअसल, कोई भी नहीं चाहता कि ऐक्ट के बाद पार्टनर उनसे सवाल करे कि आखिर सेक्स के दौरान उन्होंने किसी तरह का इंट्रेस्ट क्यों नहीं दिखाया।
अगर आपको पता चल गया है कि आपका पार्टनर ऐक्ट के दौरान फेक ऑर्गैज्म कर रहा था तो इस बात की अनदेखी करने की बजाए आपको उनसे बात करनी चाहिए। एक दूसरे को बेहतर तरीके से गाइड करके आप लवमेकिंग सेशन को बेहतर बना सकते हैं। अगर आपको लगता है कि इस बारे में पार्टनर से बात करने में आप कंफर्टेबल फील नहीं करेंगे तो ऐक्ट के दौरान ही उन्हें तरह-तरह से गाइड करें ताकि वे आपको ऑर्गैज्म हासिल करने में मदद कर पाएं।