बेटी के हत्यारे माता-पिता को आजीवन कारावास

मुलताई

अपर सत्र न्यायाधीश मोहन पी तिवारी ने बेटी के हत्यारे माता-पिता को आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार स्र्पए अर्थदंड की सजा सुनाई है। १३ जनवरी को माता-पिता ने मिलकर बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी थी और अपना जुर्म छिपाने के लिए पुलिस को सूचना दे दी थी कि बेटी ने जहर पी लिया है।सरकारी अधिवक्ता राजेश साबले ने बताया कि थाना आमला के ग्राम हरदौली निवासी ईश्वर पिता सूरजलाल भलावी उम्र ५७ साल एवं भागवंती पति ईश्वर भलावी उम्र ५० साल की बेटी बाली उर्फ सुलोचना का विवाह जूनापानी में लगभग पांच साल पहले हुआ था। बाली अपने पति से अलग होकर मायके में रह रही थी। बाली शराब पीने की आदी थी और उसकी कई ल$डकों के साथ दोस्ती भी थी, वह घर में देरी से आती थी और रात में भी घर आने का समय निश्चित नहीं था। इन्हीं सब कारणों के चलते बाली के माता-पिता बाली से परेशान चल रहे थे। १३ जनवरी २०१६ को दोनों ने मिलकर बाली का रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। जब ईश्वर ने हत्या की सूचना पुलिस को देने की बात कही तो भागवंती ने कहा कि बाली का शव रेल्वे की पटरी पर रख देते हैं। बाद में दोनों ने पुलिस को सूचना दी कि बाली ने जहरीला पदार्थ खा लिया है, जिससे उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह बात साफ हो गई कि बाली की मौत गला दबाने से हुई है, जांच के बाद सामने आया कि बाली की हत्या उसी के माता-पिता ने की है। पुलिस ने माता-पिता दोनों के खिलाफ धारा ३०२, २०१ भादवि के तहत अपराध कायम कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायाधीश मोहन पी तिवारी ने दोनों को दोषी पाते हुए धारा ३०२ भादवि में आजीवन कारावास एवं तीन-तीन हजार स्र्पए अर्थदंड एवं धारा २०१ भादवि में तीन-तीन साल की सजा एवं दो-दो हजार स्र्पए अर्थदंड की सजा सुनाई है।

Source : Rakesh

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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